देहरादून: प्रसिद्ध रंगकर्मी एस.पी. ममगाईं को मिला नाट्य सम्राट सम्मान

देहरादून। प्रसिद्ध रंगकर्मी और मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक एस.पी. ममगाईं को रंगमंच के क्षेत्र में छह दशक से अधिक के अमूल्य योगदान के लिए “नाट्य सम्राट अलंकरण” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान श्री सनातन धर्म सभा, गीता भवन देहरादून की ओर से बीती शाम आयोजित समारोह में प्रदान किया गया। अवसर था गीता भवन में चल रही रामकथा के समापन कार्यक्रम का, जहां रामकथा मर्मज्ञ रामकिंकर जी के शिष्य मैथिलीशरण प्रवचन कर रहे थे। श्री ममगाईं को यह अलंकरण मैथिलीशरण के करकमलों से प्राप्त हुआ।
समारोह में श्री सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय, सचिव विपिन नागलिया और गुलशन खुराना विशेष रूप से मौजूद थे। अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय ने श्री ममगाईं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल उत्कृष्ट नाट्य परंपरा को जीवित रखा है, बल्कि सैकड़ों युवाओं को रंगमंच से जोड़कर उन्हें अभिनय में उच्च मुकाम तक पहुंचाया है। संस्था स्वयं को गौरवान्वित मानती है कि वह इतने विशिष्ट रंगकर्मी को सम्मानित कर सकी।
श्री ममगाईं द्वारा स्थापित मेघदूत नाट्य संस्था धार्मिक और ऐतिहासिक विषयों पर आधारित नाटकों की कई प्रस्तुतियां दे चुकी है। गीता भवन परिसर में पहले भी संस्था द्वारा तीन नाटकों की छह सफल प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। हाल ही में संस्था ने उत्तराखंड की प्रसिद्ध प्रेम कथा “अमर तिलोगा” और रामचरित मानस के सुंदर कांड पर आधारित “भय बिनु होई न प्रीत” का मंचन किया था, जिसे दूरदर्शन ने भी प्रसारित किया।
समारोह के दौरान मेघदूत नाट्य संस्था के प्रमुख कलाकार नंदकिशोर त्रिपाठी, विजय डबराल, सपना गुलाटी, सावित्री उनियाल समेत अनेक रंगकर्मी मौजूद थे। सभी ने श्री ममगाईं को सम्मान मिलने पर शुभकामनाएं दीं और उनके स्वस्थ, सक्रिय और रचनात्मक जीवन की कामना की।