आखिर जिम्मेदार कौन? बिंदुखत्ता के गोविंद सिंह की मौत ने खड़े किए कई सवाल

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लालकुआं। “आवारा पशु, लचर व्यवस्था, तेज रफ्तार वाहन या प्रशासन की उदासीनता – आखिर इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार कौन है?” ये सवाल बिंदुखत्ता क्षेत्र में हर किसी की जुबान पर है, जहां एक दर्दनाक दुर्घटना ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं।

बिंदुखत्ता निवासी 42 वर्षीय गोविंद सिंह बिष्ट, जो रुद्रपुर सिडकुल स्थित शिरडी प्लाई फैक्ट्री में कार्यरत थे, ड्यूटी खत्म कर अपनी स्कूटी (UK04KA-6352) से रात करीब 10:30 बजे घर लौट रहे थे। जैसे ही वे दिनेशपुर-हल्द्वानी ओवरब्रिज पर पहुंचे, अचानक सामने एक आवारा गोवंश आ गया। स्कूटी का संतुलन बिगड़ा और गोविंद सिंह सड़क किनारे लगे लोहे के एंगल से जा टकराए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही उनकी हालत गंभीर हो गई।

राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और गोविंद सिंह को रुद्रपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना ने पूरे बिंदुखत्ता क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। मृतक अपने पीछे पत्नी गीता बिष्ट और सात साल की मासूम बेटी को छोड़ गए हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, मां और पत्नी सदमे में हैं, और आंखों में एक ही सवाल – “अगर सड़क पर लावारिस जानवर न होते तो क्या आज गोविंद जिंदा होते?”
यह पहली घटना नहीं है, जब आवारा पशु सड़क हादसे का कारण बने हों। लेकिन सवाल यह है कि इन घटनाओं से सबक क्यों नहीं लिया जाता? प्रशासनिक व्यवस्था कब जागेगी? आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने की जिम्मेदारी किसकी है? और सबसे अहम – किसी का बेटा, किसी का पति या किसी का पिता ऐसे ही रोज क्यों जान गंवा रहा है?
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक सिस्टम पर बड़ा सवाल है, जो हर रोज किसी न किसी घर को उजाड़ रहा है।