उत्तराखंड: बिजली कर्मियों ने अपनी मांगें पूरी न होने के चलते एक बार फिर बंद किया काम, सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप।

देहरादून। राज्य में ऊर्जा विभाग कर्मियों द्वारा लंबे समय से अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर कामबंदी कर दी है। आज से तीन दिनों तक जनता की बिजली संबंधी शिकायतें नहीं सुनी जाएंगी। गुरुवार तक राज्य भर में अगर किसी भी इलाके में कोई बिजली फॉल्ट हुआ, तो दुरुस्तीकरण का काम नहीं होगा, नये मीटर लगने का काम बंद रहेगा, बिजली बिल बनने समेत कई तरह के काम प्रभावित रहेंगे।
उत्तराखंड में तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों द्वारा मंगलवार से ‘टूल और पेन डाउन’ किया जाना है। उत्तराखंड में बिजली कर्मचारी अपनी मांगें पूरी न होने के चलते 21 से 23 सितंबर तक काम रोककर हड़ताल करने जा रहे हैं।
दरअसल ऊर्जाकर्मी लम्बे समय से अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं। इससे पहले ये कर्मचारी 26 जुलाई को भी हड़ताल पर गये थे, लेकिन सरकार के साथ बातचीत के बाद मिले आश्वासनों के चलते कर्मचारियों ने सरकार को एक महीने का समय दिया था। महीना गुज़रने के बाद भी कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो कर्मचारियों ने एक बार फिर नाराज़गी दिखाई है।
अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर वे आन्दोलन कर रहे हैं। कामबंदी के दौरान 21 से 23 तक कर्मचारी न तो दफ्तरों में पेन का प्रयोग करेंगे और न ही कोई टूल उठाएंगे। वहीं, जूनियर इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष संदीप शर्मा का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को जल्द न मानी, तो कर्मचारी 6 अक्टूबर से हड़ताल पर रहेंगे। साथ ही, कहना है कि वेतन विसंगति, ग्रेड पे, समान कार्य समान वेतन, प्रमोशन जैसी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा कर्मचारी संगठन लम्बे समय से आंदोलन कर रहा है। लेकिन अभी शासन और सरकार से वार्ता के बाद भी मांगों पर अमल न होने से अब कर्मचारी बेहद खफा नजर आ रहे हैं।