बिन्दुखत्ता: श्री हंस प्रेम योग आश्रम में पांच दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव एवं सदभावना संत सम्मेलन का विशाल भंडारे के साथ समापन

बिंदुखत्ता के संजय नगर स्थित श्री हंस प्रेम योग आश्रम में पांच दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव एवं सद्भावना संत सम्मेलन का विशाल भंडारे के बाद समापन हुआ। इस दौरान आयोजित सद्भावना संत सम्मेलन एवं भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर आशुतोष भगवान शिव की कृपा को प्राप्त किया। बिंदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना के क्रम के साथ ही सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता उमड़ना शुरू हुआ। आश्रम स्थित देवालय में पूजा अर्चना का क्रम देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान बिंदेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में पांच दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव एवं सद्भावना सम्मेलन का आयोजन किया गया था। कथा पंडाल में संत महात्माओं का सुबह 8:00 बजे से उद्बोधन शुरू हुआ जो अपराहन 3:00 बजे तक चलता रहा।

इस दौरान आयोजित सद्भावना संत सम्मेलन में मानव उत्थान सेवा समिति के कुमाऊं प्रभारी तथा कार्यक्रम के मुख्य आयोजक महात्मा सत्यबोधानंद जी ने शिव तत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संपूर्ण चराचर जगत भगवान शिव की परम ज्योति से प्रकाशित है और उसी ज्योति का साक्षात्कार कराने के लिए सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के शिष्य संत महात्मा देश और दुनिया में ज्ञान का प्रचार प्रसार कर मनुष्य को उसके वास्तविक जीवन का बोध करा रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी महात्मा जनों कार्यकर्ताओं एवं मीडिया एवं प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया।
सद्भावना संत सम्मेलन में दिल्ली से पधारे वरिष्ठ अनुभवी महात्मा आचार्यानंद जी ने शिव और शक्ति से जुड़े बेहद गूढ़ रहस्यों से पर्दा हटाते हुए श्रद्धालुओं को ज्ञान और भक्ति से ओतप्रोत कराया। महात्मा आचार्यानंद जी ने कहा कि धर्म एवं अध्यात्म के द्वारा ही मानव जीवन को सफल किया जा सकता है। धर्म और अध्यात्म की स्थापना के लिए सदगुरुदेव धरा धाम में अवतरित हुए हैं और उनके बतलाए गए मार्ग का अनुसरण कर हम अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को सफल बना सकते हैं।
इस दौरान तारामती बाई, प्रचारिका बाई, स्नेहा बाई, जीविका बाई, आरती बाई, करुणा बाई, महात्मा प्रभाकरानंद, आलोकानंद, विद्युतानंद, विशेषानंद, मानसानंद, मधुलता बाई, पुष्प लता बाई, हेमंती बाई ने भी उपस्थित श्रद्धालुओं तथा प्रेमी जनों को शिवरात्रि का मर्म समझाते हुए कहा कि विषय और विकारों से खुद को दूर करते हुए ज्ञान भक्ति वैराग्य के पथ पर चलना ही इसका वास्तविक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि शिव का अर्थ कल्याण से है और कल्याण वही कर सकता है जिसका जीवन परमार्थ के लिए होता है। उन्होंने कहा कि आज सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के शिष्य संत महात्मा परमार्थ की मूल भावना को लेकर मानव जीवन को श्रेष्ठ मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इस दौरान आयोजित विशाल भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया सुबह से ही आश्रम परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा दिखाई दिया। मानव उत्थान सेवा समिति से जुड़े सेवादल के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाएं बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई, कार्यक्रम में मानव उत्थान सेवा समिति से जुड़े हुए उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य बाहरी राज्यों के भी प्रेमीजन बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे।
इस दौरान मुख्य रूप से एडवोकेट बसंत जोशी, संजय पांडे, सियाराम अग्रवाल, भगवानदास बर्मा, प्रमोद कॉलोनी, हरिश्चंद्र माझी, स्वामीनाथ पंडित, भुवन चंद्र भट्ट, पुष्पा भट्ट, ममता उप्रेती, भावना कन्हैया सिंह, नंदन सिंह रावत, उमेद सिंह, जीवन, शंभू दत्त नैनवाल, गोविंद बिष्ट, रेखा बिष्ट, खष्टी, किरण, दिव्या, श्वेता, संजय सूर्यवंशी, भुवन, गोपाल समेत हजारों श्रद्धालु मौजूद थे कार्यक्रम का संचालन अजय उप्रेती ने किया।