उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर सख्ती, मान्यता प्रक्रिया में होगा बदलाव

देहरादून। उत्तराखंड सरकार अवैध रूप से संचालित मदरसों पर सख्त कार्रवाई के बाद अब मदरसों की मान्यता प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। नए नियमों के तहत जिलाधिकारी (DM) की अनुमति अनिवार्य होगी, साथ ही मान्यता के लिए अतिरिक्त शर्तें भी जोड़ी जाएंगी।
450 पंजीकृत, 500 से अधिक अवैध मदरसे
राज्य में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के तहत लगभग 450 मदरसे पंजीकृत हैं, जो सरकार को अपने दस्तावेज और आय-व्यय का ब्योरा देते हैं। वहीं, 500 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। पिछले एक महीने से अवैध मदरसों पर कार्रवाई जारी है, जिसमें 159 मदरसों को सील किया जा चुका है। साथ ही, इन मदरसों की फंडिंग की जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
अब जिलाधिकारी की अनुमति होगी अनिवार्य
मदरसों को मान्यता देने की नई प्रक्रिया में जिला प्रशासन की भूमिका तय करने पर जोर दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार,
- डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जो हर आवेदन की जांच करेगी।
- डीएम की संस्तुति के बाद ही आवेदन मदरसा शिक्षा परिषद को भेजा जाएगा।
- मान्यता के नवीनीकरण में भी जिला प्रशासन की भूमिका होगी।
सरकार कर रही प्रस्ताव पर मंथन
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, जिसे अब वित्त, न्याय और कार्मिक विभाग को परीक्षण के लिए भेजा गया है। सचिव अल्पसंख्यक कल्याण धीराज गब्र्याल ने पुष्टि की कि प्रस्ताव की समीक्षा चल रही है और विभिन्न विभागों से राय लेने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
अवैध मदरसों पर लगातार कार्रवाई जारी
सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध रूप से चल रहे मदरसों को बंद किया जाएगा और नई मान्यता प्रक्रिया को सख्त बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके।