हल्द्वानी: अमर लोकगायक पप्पू कार्की की जयंती पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, युवाओं ने गीतों से किया याद

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हल्द्वानी। कुमाऊंनी लोकसंगीत को नई पहचान दिलाने वाले अमर लोकगायक पप्पू कार्की की जयंती पर हल्द्वानी के लालडाँठ रोड स्थित प्रेम बंधन बैंक्विट हॉल में एक भावभीना कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर युवाओं ने पप्पू कार्की के लोकप्रिय गीतों—‘ओ लाली हो’, ‘सुन ले दगड़िया’, ‘उतरेनी कौतिक लागि रो’, ‘डीडीहाट की जमना छोरी’ जैसे गीतों को प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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कार्यक्रम में कुमाऊं के चर्चित गायक संदीप सोनू ने कहा कि पप्पू दा सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि पहाड़ की आत्मा थे। उनके गीतों में पहाड़ की संस्कृति और संवेदना बसती थी। उन्होंने कहा कि पीके एंटरटेनमेंट ग्रुप पप्पू दा के सपनों को आगे बढ़ाते हुए लोकसंस्कृति को संरक्षित करने का काम करता रहेगा।

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पप्पू कार्की के पुत्र दक्ष कार्की ने कहा कि उनके पिताजी को पहाड़ से बेहद लगाव था। वे अपने गीतों के माध्यम से न सिर्फ लोकसंस्कृति को जीवंत रखते थे, बल्कि युवाओं को भी सकारात्मक संदेश देते थे। दक्ष ने कहा कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर अपने पिता के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। साथ ही दूर-दराज से आए सभी कलाकारों का आभार भी प्रकट किया।

इस अवसर पर लोकगायक राकेश खनवाल, नवीन टोलिया, नीरज चुफाल, पंकज जीना, राकेश जोशी, बी.के. सामंत, लोकगायिका ममता आर्या, कविता कार्की, हिमानी कोरंगा, राहुल कापड़ी, इंदर आर्या सहित कई दर्शक व संगीत प्रेमी मौजूद रहे।