उत्तराखंड-(बड़ी खबर): सीएम धामी का बड़ा फैसला, सख्त नकल विरोधी कानून को दी मंजूरी

राजधानी देहरादून में बेरोजगारों युवाओं के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जल्द ही राज्यपाल की मुहर लगने के बाद उत्तराखंड नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा. सरकार ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को सहमति देकर सरकार भड़के हुए युवाओं शांत करने का प्रयास कर रही है.
देहरादून। उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सहमित दे दी है. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दी है. उन्होंने कहा कि वो नकल माफिया को प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं से किए वादे के अनुरूप उनकी सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोध कानून लाने का फैसला लिया है.
यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।