रिटायर्ड प्रिंसिपल हत्याकांड का खुलासा: लालच, अवैध संबंध, अश्लील वीडियो और ब्लैकमेल बना मर्डर की वजह

देहरादून में रिटायर्ड प्रिंसिपल श्यामलाल की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्या की वजह लालच, अवैध संबंध और ब्लैकमेलिंग की साजिश निकली। आरोपी दंपती ने बुजुर्ग की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की, लेकिन जब योजना नाकाम हुई तो गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर शव को टुकड़ों में काटकर देवबंद, सहारनपुर की साखन नहर में फेंक दिया।
पुलिस ने इस हत्याकांड में फरार मुख्य आरोपियों, दंपती गीता और हिमांशु चौधरी को पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पुलिस ने गीता के भाई अजय और बहनोई धनराज चावला को गिरफ्तार कर लिया था, जिनकी निशानदेही पर पूरा मामला उजागर हुआ।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, 7 फरवरी को पटेलनगर निवासी श्यामलाल के लापता होने की सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि 2 फरवरी को श्यामलाल आखिरी बार गीता के घर जाते दिखे थे, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटे। गीता और उसका पति हिमांशु फरार पाए गए।
जांच में सामने आया कि गीता और श्यामलाल के बीच 12 साल से संबंध थे, जिसकी वजह से गीता को अपने पहले पति से अलग होना पड़ा। बाद में उसने हिमांशु से शादी की, जो एमबीबीएस का छात्र था और पैसों की तंगी झेल रहा था। इसी के चलते दोनों ने श्यामलाल को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने की योजना बनाई।
श्यामलाल ने किया विरोध, तो बना हत्या का शिकार
2 फरवरी को गीता ने श्यामलाल को अपने किराए के कमरे पर बुलाया, जहां पहले से छिपे हिमांशु ने उनकी वीडियो बनाने की कोशिश की। लेकिन श्यामलाल को शक हो गया और उन्होंने विरोध किया। इस पर गीता और हिमांशु ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी।
इसके बाद गीता के भाई अजय और बहनोई धनराज ने शव के टुकड़े कर प्लास्टिक बैग में पैक किए और उन्हें गाड़ी से देवबंद ले जाकर साखन नहर में फेंक दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने श्यामलाल की बाइक आईएसबीटी के पास लावारिस खड़ी कर दी और उसकी नंबर प्लेट हटा दी।
देशभर में छिपते रहे, अमृतसर में हुए गिरफ्तार
हत्या के बाद गीता और हिमांशु फरार हो गए और मुंबई, जयपुर, प्रयागराज, कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर पहुंचे। पुलिस ने कई शहरों में तलाश के बाद आखिरकार उन्हें अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया।
जांच टीम को मिला इनाम
इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को विशेष इनाम दिया गया। टीम में एसओ पटेलनगर प्रदीप राणा, इंस्पेक्टर योगेश दत्त, एसओजी प्रभारी विनोद गुसाईं समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।