बिंदुखत्ता: विशाल भंडारे साथ हुआ श्रीमद् देवी भागवत कथा का समापन

बिंदुखत्ता। इंदिरा नगर द्वितीय स्थित मां हाटकालिका मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा का समापन श्रद्धा और भक्ति के भावपूर्ण माहौल में किया गया। अंतिम दिन विशाल भंडारे और फूलों की होली ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सैकड़ों भक्तों ने कथा का आनंद लिया और मां जगदंबा की महिमा का स्मरण करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा वाचक युवा व्यास व्योम त्रिपाठी ने समापन दिवस पर गौतम ऋषि द्वारा मां गायत्री की आराधना और व्यास द्वारा राजा जनमेजय को सुनाई गई श्रीमद् देवी भागवत के विभिन्न सोपानों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने गायत्री मंत्र के महत्व को समझाते हुए कहा, “गायत्री मंत्र सनातन संस्कृति का प्राण है। जो भी श्रद्धालु इसे अपने जीवन में अपनाता है, उसे न केवल शांति और शक्ति प्राप्त होती है, बल्कि जगत जननी मां जगदंबा की कृपा भी सदैव बनी रहती है।”
व्यास जी ने बताया कि श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण करने से सभी प्रकार के विकारों का नाश होता है और मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि देवी भागवत की कथा हमें धर्म, सत्य और भक्ति का मार्ग दिखाती है।
समापन दिवस पर फूलों की होली विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भक्तों ने फूलों के रंगों में रंगकर मां हाटकालिका के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।