हल्द्वानी विजिलेंस में निलंबित सेवानिवृत्त आइएफएस किशन चंद पर मुकदमा दर्ज

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हल्द्वानी। कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ (अब सेवानिवृत्त) किशन चंद (IFS Kishan Chand) के विरुद्ध शिकंजा कसता जा रहा है। शासन के आदेश पर अब हल्द्वानी विजिलेंस में निलंबित सेवानिवृत्त आइएफएस किशन चंद व अज्ञात अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्राथमिकी हो चुकी है।

पाखरो में वन विभाग ने टाइगर सफारी के निर्माण का निर्णय लिया था। इसकी अनुमति मिलने के बाद पाखरो में 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी के लिए बाड़ों का निर्माण समेत अन्य काम होने थे। वर्ष 2019 में टाइगर सफारी के लिए अवैध तरीके से पेड़ काटने और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था।

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शिकायतों को सही पाते हुए एनटीसीए ने जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मामले में सबसे पहले पाखरो के वन क्षेत्राधिकारी को निलंबित किया गया। इसके बाद कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) किशन चंद और फिर तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग को निलंबित किया गया।

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वर्तमान में किशन चंद और जेएस सुहाग सेवानिवृत्त हो चुके हैं। साथ ही सीटीआर के निदेशक राहुल को वन मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। इसके अलावा विभाग के तत्कालीन मुखिया राजीव भरतरी और प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव अनूप मलिक को शासन ने नोटिस जारी किए थे।

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एसपी विजिलेंस प्रहलाद मीणा ने बताया कि शासन के निर्देश पर किशन चंद व अन्य अज्ञात अधिकारियों व कर्मचारियों पर हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया है। विवेचना में जैसे-जैसे अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम आएंगे। उन पर कार्रवाई की जाएगी।