लालकुआं: यहां आपदा पीड़ितों से मिलने पहुचे पूर्व सीएम हरीश रावत, पीड़ितों ने सुनाया दुखड़ा, तत्कालीन सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप।

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लालकुआं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्दूचौड़ से बिंदुखत्ता तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पदयात्रा कर पीड़ितों से मुलाकात की तथा उनकी समस्याओं को सुना, इंदिरानगर द्वितीय गप्ता में आपदा पीड़ित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने गौला बाढ़ से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की मांग को लेकर सांकेतिक धरना भी दिया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत देने में वर्तमान सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा आपदा को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अभी तक बेघर लोगों का पुनर्वास ना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार आते ही गौला बाढ़ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

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आपदा पीड़ितों ने हरीश रावत को दुखड़ा सुनाया तत्कालीन सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कुछ भी नहीं मिला है। यह परिवार प्राइमरी स्कूलों में रहने को मजबूर है तथा लोगों के द्वारा दिए गए राशन पर ही इनकी गुजर-बसर चल रही है। इसके अलावा उन्होंने अपने जानवरों को रिश्तेदारों के घरों में छोड़ा हुआ है। जबकि उनके यहां केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अजय भट्ट, प्रभारी मंत्री स्वामी यदि स्वरानंद, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अलावा विधायक और भाजपा के तमाम विधायक का टिकट चाहने वाले दावेदार यहां पर पहुंच चुके हैं। लेकिन किसी ने भी उनके पुनर्वास की कोई कोई पहल नहीं की है आश्वासन की घुट्टी पर वह अपना जीवन चला रहे हैं। उन्होंने हरीश रावत से मांग की है कि उनका पुनर्वास किया जाए और भविष्य में गोला से होने वाले नुकसान से उन्हें बचाया जाए।

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इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तत्काल जिलाधिकारी से फोन पर बात की और उन्हें याद दिलाया कि ऐसी भूमि पर भी रहने वाले जो राजस्व गांव नहीं है के पुनर्वास की भी व्यवस्था का प्रावधान है उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों के लिए आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिए। वहां पर मौजूद लोगों ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से इनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।