मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलों में नियुक्त किए प्रभारी मंत्री, अब दायित्व की बारी

देहरादून। प्रचंड बहुमत की सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की रिकॉर्ड जीत के बाद अब धामी सरकार ने विकास पर फोकस करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों को नियुक्त कर दिया है।
उत्तराखंड में नई सरकार के गठन के बाद से ही जिला योजना की बैठकें नहीं हो पा रही थी। जिसको देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्री नियुक्ति कर दिये हैं। शासन से नियोजन सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। कैबिनेट मंत्रियों में सतपाल महाराज को हरिद्वार, प्रेमचंद अग्रवाल को उत्तरकाशी और टिहरी की जिम्मेदारी, गणेश जोशी को उधम सिंह नगर की जिम्मेदारी, धन सिंह रावत को अल्मोड़ा और चमोली की जिम्मेदारी, सुबोध उनियाल को देहरादून की जिम्मेदारी, रेखा आर्य को नैनीताल और चंपावत की जिम्मेदारी, चंदन राम दास को पिथौरागढ़ और पौड़ी की जिम्मेदारी जबकि सौरभ बहुगुणा को रुद्रप्रयाग और बागेश्वर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अब दायित्वधारियों को इंतजार
जिलों के प्रभारी मंत्री बनाने के बाद अब दायित्वधारियों को भी जल्द जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद जग गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर दायित्व बांटने शुरू कर दिए थे। अब 150 से ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दायित्व को लेकर आवेदन कर दिए हैं। जिसके बाद सभी को दायित्व बंटने का इंतजार है। भाजपा सरकार में दर्जन भर से अधिक दायित्वधारियों का पहली लिस्ट में नंबर आ सकता है। बीते दिनों हल्द्वानी में हुई कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जल्द दायित्वों के बंटवारे को लेकर संकेत दिए। जिसकी शुरूआत कैलाश गहतोड़ी को दायित्व देने के साथ ही मानी जा रही है। अब संगठन में काम कर रहे एक दर्जन से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सरकार में दायित्वधारियों की लाइन में आने की कोशिश में जुटे हैं। इस लिहाज से विभिन्न बोर्ड, निगम और आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्षों की नियुक्ति की जाती है। जो कि सरकार के रहते काम करते हैं। ये दायित्व भी सरकार में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बार ऐसे नाम भी रेस में बताए जा रहे हैं जो कि चुनाव हार गए लेकिन सीएम के काफी करीबी हैं इनमें स्वामी यतीश्वरानंद, संजय गुप्ता और राजेश शुक्ला का नाम भी लिया जा रहा है। जो कि सीएम के काफी करीबी माने जाते हैं।