(बड़ी खबर) नैनीताल पहुंचे 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, चाफी-अलचौना में ग्रामीणों से संवाद, विकास योजनाओं पर मिले अहम सुझाव

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नैनीताल, 20 मई (सू.वि.) — उत्तराखंड दौरे पर आई 16वें वित्त आयोग की टीम मंगलवार को दो दिवसीय भ्रमण पर नैनीताल पहुंची। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में टीम ने भीमताल विकासखंड के ग्राम चाफी और अलचौना का भ्रमण कर वहां की भौगोलिक स्थिति, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। टीम ने ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों के साथ संवाद स्थापित कर जमीनी मुद्दों को जाना और विभिन्न सुझावों को सुना।

आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया के साथ आयोग के सदस्य श्रीमती ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव के.के. मिश्रा, पी. अमरुथ वर्षेणी, कुमार विवेक सहित कई अधिकारी शामिल थे। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत और जिलाधिकारी वंदना ने आयोग का स्वागत किया। चाफी-अलचौना पहुंचने पर छोलिया नृत्य और महिला समूहों के लोकगीतों से टीम का पारंपरिक रूप से स्वागत हुआ।

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टीम ने सबसे पहले मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना के तहत पालीहाउस नर्सरी का निरीक्षण किया और लिलियम फूलों के आयात-निर्यात की जानकारी प्राप्त की। डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में खेती-बाड़ी की अपार संभावनाएं हैं और सरकार पलायन रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है।

इसके पश्चात श्री पूर्णानंद तिवारी राजकीय इंटर कॉलेज, चाफी में आयोजित संवाद कार्यक्रम में टीम ने जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने कृषि, सड़कों, शिक्षा, वन्यजीवों के उत्पात, डिजिटल नेटवर्क और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़ी समस्याएं साझा कीं।

प्रमुख सुझावों में शामिल रहे:

  • पर्वतीय क्षेत्रों की योजनाएं जनसंख्या नहीं, भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर तैयार हों।
  • जल स्रोतों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहलों को प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता मिले।
  • वन पंचायतों को मजबूत करने हेतु विशेष वित्तीय पैकेज दिया जाए।
  • फूल व बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड वैन की व्यवस्था की जाए।
  • खेतों की सुरक्षा के लिए तारबाड़ और सोलर लाइट्स लगाई जाएं।
  • नेटवर्क की समस्या से जूझते क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी प्राथमिकता पर दी जाए।
  • जल जीवन मिशन को मजबूत बनाया जाए और वन्यजीवों से फसलों को बचाने का स्थायी समाधान निकाला जाए।
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विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि पंचायतों से प्राप्त सुझाव नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाने और योजनाओं को स्थानीय जरूरतों के मुताबिक ढालने की आवश्यकता बताई। ग्राम प्रधान पूरन भट्ट, महिला प्रतिनिधि कमला देवी, बलबीर सिंह, हिमांशु पांडे जैसे कई लोगों ने आयोग के समक्ष अपने-अपने सुझाव रखे।

डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि उत्तराखंड उनका 26वां राज्य है और यहां मिले सुझावों को आयोग गंभीरता से संज्ञान में ले रहा है। उन्होंने बताया कि जून तक केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ समस्याएं राष्ट्रीय स्तर की हैं, जिनके समाधान के लिए केंद्र को रिपोर्ट दी जाएगी, जबकि जिला और राज्य स्तर की समस्याओं के लिए स्थानीय अधिकारी त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।

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कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों और महिला सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का आयोग की टीम ने निरीक्षण किया और स्थानीय उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रदर्शनी में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की झलक देखने को मिली।

इस अवसर पर आयोग के डिप्टी डायरेक्टर आशुतोष अवस्थी, निकिता जैन, ओएसडी अभय मित्तल, पीपीएस सदस्य सुधा राजगोपालन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, वाई.के. पंत, सी. रविशंकर, सोनिका, विनीत कुमार, अभिषेक रुहेला सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।