UKSSSC मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही, RIMS कंपनी का मालिक राजेश चौहान गिरफ्तार

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपरलीक मामले में एसटीएफ ने सबसे बड़ी कार्यवाही की है, RIMS कंपनी लखनऊ का मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया है, जो एसटीएफ द्वारा UKSSSC पेपर लीक में मामले में 25वीं गिरफ्तारी हुई है। एसटीएफ ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर किया गिरफ्तार। RIMS कंपनी के मालिक द्वारा कंप्यूटर से पेनड्राइव के माध्यम से प्रश्रपत्र डाउनलोड कर केन्द्रपाल को उपलब्ध कराया था।

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राजेश चौहान को एसटीएफ ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से पेपर का सौदा करने के सबूत के आधार पर गिरफ्तार किया है। चार-पांच दिसम्बर को आयोग की ओर से करवाए गया स्नातक स्तर का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से ही सबसे पहले लीक हुआ था। इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के दो आरोपित जयजीत व अभिषेक वर्मा को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस पूरे प्रकरण में एसटीएफ अब तक 25 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में घिरी कंपनी आरएमएस ने ही रक्षक भर्ती का प्रश्न पत्र भी छापा था। दोनों पेपर कंपनी ने एक ही प्रिंटिंग प्रेस में छापे थे। लखनऊ की इस कंपनी ने पहले 29 सितंबर 2021 को हुई सचिवालय सुरक्षा संवर्ग की रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर छापा। इसके बाद चार-पांच दिसंबर को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर प्रकाशित किया। पहले स्नातक स्तरीय भर्ती के पेपर लीक का पटाक्षेप हुआ और इसके बाद अब रक्षक भर्ती का पर्चा लीक होने का राज भी खुल गया। मामले में अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

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स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक करने के आरोप में प्रिंटिंग प्रेस से कर्मचारी अभिषेक वर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब रक्षक भर्ती का पेपर लीक करने में भी उसी प्रिंटिंग प्रेस के दूसरे कर्मचारी प्रदीप पाल को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि रक्षक भर्ती का पेपर भी उसी कंपनी ने प्रकाशित किया था।