उधम सिंह नगर: खटीमा क्षेत्र में हुई बैंक लूट का पुलिस ने किया खुलासा

खटीमा। दिनांक 06-04-2022 को वादनी श्रीमती कुसुमलता पत्नी सिद्धार्थ घनसेला शाखा प्रबन्धक बैंक ऑफ बड़ौदा झनकट खटीमा द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा झनकट शाखा में अज्ञात बदमाशों द्वारा बैंक मे 4,42,000/- लूट से जाने जाने के सम्बन्ध में तहरीर दी गई सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर FIR NO. 80/2022 धारा 392/342.IPC पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना वा030नि0 श्री देवेन्द्र गौरव के सुपुर्द की गई। दिन दहाड़े हुई तमंचे चाकू के बल पर बैंक लूट की घटना से क्षेत्र में काफी सनसनी एवं भय का माहौल पैदा हो गया। उक्त घटना के जल्दी से जल्दी खुलासे के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा पुलिस अधीक्षक अपराध व क्षेत्राधिकारी खटीमा के पर्यवेक्षण में उक्त अभियोग के अनावरण हेतु स्वयं घटना स्थल पर पहुंचकर थाना पुलिस व जनपद की एसओजी सहित भिन्न-भिन्न पुलिस टीमों का गठन कर घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज पुराने प्रकाश में आये अपराधी का सत्यापन तथा स्थानीय स्तर पर सुरागरसी पतारसी करने के निर्देश दिये। घटना के खुलासे के लिये लगभग 10 टीमों का गठन किया गया। उक्त टीमों द्वारा घटनास्थल से करीब 100 कि०मी० के दायरे में लगे लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन व सर्विलांस की मदद से बैंक लूट की घटना में
1- ललित मानवेन्द्र सिंह पुत्र मुन्शी सिंह शेखावत निवासी बार्ड 204, खोड, जिला राजस्थान
2- नरेन्द्र कुमार पुत्र लक्ष्मण राम निवासी बार्ड नं04, खोह जिला झुझनु राजस्थान,
3- पशुपति पुत्र में रामकिशन निवासी वृन्दावन इन्कलेव चेतना कालोनी नियर मिल्क डेयरी बरेली उत्तर प्रदेश मूल निवासी ग्राम गांगी गिधीर, थाना खटाँमा, जिला ऊधम सिंह नगर के नाम प्रकाश में आये। पुलिस टीम द्वारा तत्परता से उक्त अभियुक्तगणों में से सेन्द्र कुमार व पशुपतिनाथ को दिनांक 24-4-2022 को कमान नदी के पुल ग्राम गांगों से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आये कि पशुपति नाथ धारा 420 आईपीसी के मामले में जिला कारागार झुनझुनू राजस्थान में बन्द था वहीं पर ललित मानवेन्द्र सिंह भी एक बैंक लूट के मामले में बन्द था। इन दोनों की वही पर मुलाकात दोस्ती हुई। जेल से बाहर आने के बाद दोनों सम्पर्क में थे। इसी दौराने इनके द्वारा खटीमा में बैंक लूट की योजना बनायी। घटना से पूर्व पशुपतिनाथ ने ही नरेन्द्र कुमार वलित को स्थानीय रास्ते व क्षेत्र के बारे में जानकारी दी तथा पशुपतिनाथ की मो०सा० स्टेनर घटना में प्रयोग हुई है। घटना के बाद भी बचने के लिये व धोखा देने के लिये अभियुक्तगणों ने मो०सा० के नम्बर से भी छेड़छाड़ कर फर्जी न० प्लेट मोटरसाइकिल में लगायी है। अभियुक्त ललित मानवेन्द्र सिंह फरार है। गिरफतार अभियुक्त के कब्जे से बैंक से लूटी गयी कुल रकम में से ० 1,70,000/- बरामद हुये हैं रू0 50,000/- नरेन्द्र कुमार द्वारा तथा 20000 रू0 पशुपति नाथ द्वारा खर्च कर लिये गये है। शेष पैसे लंलित मानवेन्द्र सिंह के पास होना बताया है। अभियुक्तगणों के पास से 02 समर्थ 12 बोर व 02 कारतूस बरामद हुये है। घटना में प्रयुक्त मो० सा० भी बरामद हुई है। विवेचना में पारा 411/120बी / 420/465/467/471 भादवि व 3/25 आर्म्स एक्ट की बढ़ोत्तरी की गयी है। बैंक में गार्ड न होने एवं मीड कम रहने के कारण अभियुक्तगणों द्वारा लूट के लिये इस बैंक को चुना गया।
अभियुक्तगण बरेली के होटल कारा में रूकते थे तथा यहीं से अभियुक्त पशुपति नाथ की मो०सा० स्टेनर में आकर रैकी करते थे। मो०सा० की नं० प्लेट में मिट्टी लगाकर नं० छिपाया था। यह लोग अपना मोबाईल बरेली में ही बन्द कर देते थे। बरेली से नरेन्द्र व ललित मो०साठ में आते थे तथा पशुपतिनाथ बस से आता था। पीलीभीत में से पूर्व नियोजित स्थान पर मिलते थे। यहाँ से तीनों पालीगंज तक मोठसा० में ही आये। पशुपति नाथ पोलीगंज में ही उतर गया। पोलीगंज से मरेन्द्र व ललित ही घटना कारित करने के लिये आये। घटना कारित करने के उपरान्त पुलिस को भ्रमित एवं बैंकिंग से बचने के लिये इनके द्वारा गाँव देहात के स्थानीय मार्ग तथा पोलीगंज के बाद बनगवा, रघुलिया आदि के जंगल वाले रास्तों से वापस भागे, जहाँ पुलिस चैंकिंग आदि कम होती है। अभियुक्तगणों द्वारा दिनांक 5-4-22 को भी घटना करने की योजना बनायी थी परन्तु बैंक में भीड़ होने के कारण घटना कारित नहीं कर पाये। इनके द्वारा घटना कारित करने से पहले पहने कपड़ों के ऊपर दूसरे कपड़े डाल लिये तथा घटना कारित करने के उपरान्त उपर पहने कपड़ों को निकाल लिया क्योंकि घटना कारित के दौराने पहने कपड़े वालों की ही पुलिस चेकिंग करती है।