लालकुआं: सेंचुरी मिल के खिलाफ ठेका श्रमिकों में आक्रोश, आत्मदाह की दी चेतावनी।।

लालकुआं। सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल में स्थानीय ठेका श्रमिक तंगहाली और बदहाली की मार झेल रहे हैं। यहां तक कि ठेका श्रमिक आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हैं। यहां ठेका श्रमिकों ने तहसील पहुंचकर उप जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन की प्रति तहसीलदार को सौंपी और 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए मांग की है कि यदि मिल प्रबंधन ठेका श्रमिकों को जो यहां 10 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे हैं उन्हें परमानेंट करने संबंधी कोई ठोस कदम नहीं उठाता तो यहां एकत्र हुए ठेका श्रमिक 7 दिन के बाद आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
आपको बता दें कि सेंचुरी पेपर मिल प्रबंधन मजदूरों का शोषण करने में नंबर 1 है यहाँ लगभग 10 वर्षो से काम कर रहे मजदूरों की अनदेखी कर नई भर्ती करने की तैयारी है। मिल प्रबंधन और श्रमिक यूनियनो की मिलीभगत से यह भर्ती का खेल खेला जाता है। यूनियन और प्रबंधन आपसी साँठ गांठ करके अपने अपने लोगो की भर्ती करवा लेते है। बस मजदूर, बेबस और लाचार होकर अपने भविष्य के सपनो को आंसुओ में बहा देता है। और जनप्रतिनिधि और सरकारी मशीनरी की तरफ उम्मीद लगाये बैठ जाता है की कोई तो आयेगा जो मजदूरों की आवाज बनेगा।
लेकिन ये सिर्फ सपना बनकर ही रह जाता है,कोई नही आता और मजदूरों के जीवन की गाडी बस ऐसे ही चलती रहती है। जबकी आज नई भर्ती के विरोध में वर्षो से ठेके में काम कर रहे श्रमिकों में आक्रोश फैल गया और प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन दिया।
तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि श्रमिकों ने उन्हें ज्ञापन दिया है इसके लिए वह उप जिलाधिकारी को अवगत कराएंगे साथ ही मिल प्रबंधन और श्रमिकों के बीच वार्ता हो ऐसा हल निकालने की कोशिश करेंगे यदि आत्मदाह जैसा कोई कदम उठाता है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन की भी मदद ली जाएगी। वही ठेका श्रमिकों के समर्थन में पहुंचे व्यापार मंडल हल्दुचौड़ के अध्यक्ष खीम सिंह बिष्ट ने कहा कि मिल प्रबंधन को वर्षों से काम कर रहे हैं श्रमिकों के बारे में सोचना चाहिए ऐसा नहीं होने पर ही आज वर्षो से काम कर रहे यह ठेका श्रमिक आत्मघाती जैसा कदम उठाने को मजबूर हैं।