बड़ी खबर: मोदी कैबिनेट ने दी जाति जनगणना को मंजूरी, सीएम धामी ने बताया ऐतिहासिक

मोदी सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला 30 अप्रैल को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में लिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे दूरदर्शी और सामाजिक न्याय को मजबूत करने वाला कदम बताया है।
स्वतंत्र भारत में लंबे समय से जनगणना के दौरान जाति आधारित आंकड़ों को शामिल नहीं किया जा रहा था। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना की मांग करता रहा है। अब केंद्र सरकार ने यह फैसला लेकर एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया और केवल सर्वेक्षण तक सीमित रही। उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों द्वारा कराई गई जातिगत गणनाएं भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रही थीं। अब केंद्र की ओर से किए जा रहे इस फैसले से आंकड़ों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
जाति जनगणना के संभावित प्रभाव:
जाति जनगणना को मंजूरी मिलने के बाद कई स्तरों पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इससे नीति निर्माण और योजनाओं को लक्ष्य समूहों तक सटीक रूप से पहुंचाया जा सकेगा। इसके अलावा आरक्षण नीति में भी संभावित संशोधन और राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इससे सामाजिक समरसता को नई दिशा मिलने के साथ-साथ विकास योजनाओं में क्षेत्रीय संतुलन भी सुनिश्चित हो सकेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि देश की सामाजिक संरचना को समझने और सभी वर्गों के विकास के लिए मजबूत नीति बनाने में सहायक सिद्ध होगा।