बिन्दुखत्ता के सन्दर्भ में भ्रामक फोटो प्रकाशित करने पर वन अधिकार समिति ने दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला जताया विरोध
लालकुआं। वन अधिकार समिति बिन्दुखत्ता में आज एक बैठक हुई जिसमें अमर उजाला द्वारा 22 8.2024 को प्रथम पेज पर भ्रामक खबर जिसमें बिंदुखत्ता के मानचित्र को गलत दर्शाया गया तथा 2001 से अतिक्रमण दिखाया गया जो कि सरासर गलत था। जिसका विरोध समिति द्वारा रखा गया तथा अपना पक्ष अमर उजाला अखबार को भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
दरसल, दिनाँक 22.08.2024 को बिन्दुखता के सन्दर्भ में दैनिक समाचार अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट “उत्तराखंड के जंगलों की जिंदगी को निगल रही बस्तियां” शीर्षक के साथ कुछ भ्रामक फोटो डालकर शासन-प्रशासन की नजर में बिंदुखत्ता की छवि खराब कर इसे वनाधिकार कानून के तहत राजस्व गांव बनाने हेतु अपात्र दिखाने की कोशिश की गई है। इस अखबार की यह खबर वर्तमान समय में बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की गतिमान प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती है।
विदित हो कि वनाधिकार अधिनियम में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति का निर्णय ही दावे की मंजूरी हेतु अंतिम विधिमान्य पायदान है। और, बिन्दुखत्ता राजस्व ग्राम के संयुक्त दावे को जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा पारित कर शासन को प्रेषित कर दिया गया है उक्त के आधार पर ही वन मंत्री महोदय ने भी बयान दिया है कि “शासन स्तर पर बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया चल रही है”। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा भी इसे वर्ष 2011 और 2024 में मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल किया गया है।
अमर उजाला ने अपनी उक्त रिपोर्ट में प्रकाशित इन फोटो में बिन्दुखता क्षेत्र में वर्ष 2001 में जंगल दिखाया गया है जो कि सरासर गलत और भ्रामक है। अखबार ने कहीं भी यह नहीं बताया है कि इन फोटो का स्रोत और प्रमाणिकता क्या है।
आश्चर्यजनक है कि अखबार ने बिन्दुखतावासियों का पक्ष जानने का कोई प्रयास नहीं किया और ऐसा एकपक्षीय समाचार तब प्रकाशित कर दिया, जब बिन्दुखत्ता के लोगों द्वारा वन अधिकार अधिनियम- 2006 के तहत अपनी तीन पीढ़ियों से वनाश्रित होने के साक्ष्यों के आधार पर जिला स्तर की वनाधिकार समिति द्वारा बिन्दुखता राजस्व ग्राम के संयुक्त दावे को पास कर शासन को प्रेषित कर दिया गया है और इस पूरी प्रक्रिया की खबरें समय-समय पर अन्य दैनिक अखबारों के साथ-साथ अमर उजाला ने भी प्रकाशित की हैं।
अमर उजाला की खबर से बिन्दुखत्ता के आम जनमानस में भारी आक्रोश व्याप्त है, वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता अमर उजाला में प्रकाशित इन फोटोग्राफ्स पर आपत्ति दर्ज करते हुए इसके द्वारा प्रकाशित एकपक्षीय समाचार की निन्दा करती है और अमर उजाला से आग्रह करती है कि इस फोटो समाचार के स्रोत सहित स्पष्टीकरण छापे। वनाधिकार समिति बिन्दुखत्ता द्वारा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया जाता है।
बैठक में अध्यक्ष श्री अर्जुन नाथ गोस्वामी, श्री श्याम सिंह रावत, श्री कुंदन चुफाल, श्री उमेश भट्ट, नंदन बोरा, गोविंद बोरा, पूरन बोरा, रमेश गोस्वामी, कविराज धामी, कविंद्र सिंह समेत अन्य संरक्षण सदस्य मौजूद थे।