लालकुआं: यहां वन विकास निगम में लाखों का घोटाला सामने आने पर निगम प्रबंधन आया हरकत में,…अधिकारी और कर्मचारी अब होंगे निलंबित

लालकुआं। वन विकास निगम के प्रकाष्ठ डिपो संख्या पांच में लकड़ी की नीलामी में लाखों का घोटाला सामने आने पर निगम प्रबंधन हरकत में आ गया है। प्रभागीय विपणन प्रबंधक ने प्राथमिक जांच के बाद चार अधिकारियों-कर्मचारियों के निलंबन की सिफारिश की है। साथ ही तीन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी नैनीताल को तहरीर दी गई है। इधर, मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
दरसअल, लालकुआं स्थित डिपो संख्या पांच में बड़े गोलमाल की सूचना मिलने के बाद हरकत पर आए वन विकास निगम के अधिकारियों ने तत्काल मामले की जांच बैठा दी। प्रभागीय विपणन प्रबंधक की ओर से की गई जांच में प्रथमदृष्टया नीलामी की निर्धारित कीमत से कम रकम का बिल बनाने का घोटाला सामने आया। इसमें विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों की सांठगांठ के चलते पांच लाख रुपए की लकड़ी का बिल महज तीन लाख रुपए बना पाया गया। इसकी जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है।
क्षेत्रीय प्रबंधक कुमाऊं महेश चंद्र आर्य ने प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम गठन कर 24 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने कहा कि वन विकास निगम की नीलामी के प्रपत्र में छेड़छाड़ कर कम रकम का बिल बनाने के मामले को निगम ने गंभीरता से लिया है।
क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फिलहाल निलंबन एवं मुकदमे की कार्रवाई की जा रही। उन्होंने कहा कि इसी के साथ अन्य डिपो में भी इस तरह की संभावना को ध्यान में रखते हुए जांच टीम को निर्देश दिए गए है।
प्राथमिक जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। चार अधिकारियों और कर्मचारियों के निलंबन की संस्तुति की गई है। इनके अलावा लेखा शाखा में क्लर्क गिरीश जोशी, डिपो कार्यालय के क्लर्क प्रताप बिष्ट और कंप्यूटर ऑपरेटर अनिकेत के खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए एसएसपी नैनीताल को तहरीर भेज दी है।
–अनिल कुमार सिंह, प्रभागीय विपणन प्रबंधक
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