लालकुआं: यहां वन विभाग ने 200 से अधिक दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में चश्पा किया बेदखली का नोटिस, मचा हड़कंप

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लालकुआं। तराई केंद्रीय वन प्रभाग टांडा रेंज के वन कर्मियों ने लालकुआं शहर के ट्रांसपोर्ट नगर और वीआईपी गेट क्षेत्र के 200 से अधिक दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बेदखली का नोटिस चश्पा करते हुए आगामी 8 नवंबर तक वन भूमि से अपना अतिक्रमण स्वतः ही हटा लेने के आदेश जारी किये हैं, उक्त नोटिस चश्पा होने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के मुताबिक, टांडा रेंज के वन कर्मियों ने गत दिवस ट्रांसपोर्ट नगर और वीआईपी गेट क्षेत्र के 200 से अधिक दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में नोटिस चश्पा करते हुए आगामी 8 नवंबर तक वन भूमि में उनके द्वारा किया गया अतिक्रमण स्वतः ही हटा लेने के आदेश जारी किए हैं, चश्पा किए गए बेदखली के नोटिस में कहा गया है कि उक्त लोग आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर अनाधिकृत रूप से काबिज है। समस्त तथ्यों एवं पत्रावली में मौजूद अभिलेखों तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 (उत्तरांचल संशोधन 2001) की धारा 20 के प्रावधानों को देखते हुए उक्त लोग आरक्षित वन भूमि पर अवैध कब्जा कर अप्राधिकृत अध्यासन में है, जबकि इस भूमि में काबिज लोगों के पास अतिक्रमित की गयी भूमि के सम्बन्ध में कोई वैध अभिलेख / दस्तावेज नही है। जारी बेदखली नोटिस में कहा गया है कि पर्याप्त अवसर दिये जाने के उपरान्त भी काबिज लोग उक्त भूमि के स्वामित्व के सम्बन्ध में कोई ठोस अभिलेख / दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। अतिक्रमित क्षेत्र आरक्षित वन भूमि है जिस पर यहां रहने वालों का अवैध कब्जा सिद्ध होता है। जिसके अन्तर्गत इन अतिक्रमणकारियों को बेदखल किया जाना न्यायोचित है।

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इस मामले में तराई केंद्रीय वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी यूसी तिवारी का कहना है कि आरक्षित वन भूमि पर अवैध अध्यासनरत लोगों को समुचित अवसर प्रदान किये जाने के उपरान्त भी उक्त आरक्षित वन भूमि पर अपने कब्जे बावत् कोई स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख / दस्तावेज अथवा वन विभाग द्वारा जारी कोई अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं। इसके बाद वन विभाग ने आरक्षित वन भूमि टाण्डा रेंज अन्तर्गत टाण्डा ब्लॉक की भूमि से उन्हें बेदखल करने का आदेश पारित किया है साथ ही उन्हें आदेश दिया जाता है कि वह दिनांक 08.11.2024 तक या उससे पूर्व आरक्षित वन भूमि को खाली कर दें।

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अन्यथा समयावधि बीत जाने के उपरांत वन विभाग उक्त भूमि को बल प्रयोग कर खाली कराएगा, जिसमें आने वाले खर्च का भुगतान अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा।