हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज हुआ महंगा, मरीजों की जेब पर बढ़ा बोझ

हल्द्वानी। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय (एसटीएच) में इलाज अब पहले से महंगा हो गया है। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की दरों में कई गुना बढ़ोतरी कर दी गई है। चार फरवरी से लागू नई दरों के अनुसार, अब अल्ट्रासाउंड 570 रुपये और सीटी स्कैन 1350 रुपये में होगा, जबकि पहले यह शुल्क क्रमशः 150 और 400 रुपये था।
चार गुना बढ़ीं जांच दरें, मरीजों पर अतिरिक्त बोझ
एसटीएच में शासन के आदेश पर सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के रेट लागू किए गए हैं। यह बदलाव इलाज के सभी पहलुओं को कवर करेगा, जिसमें डायलिसिस, एमआरआई, केन्द्रीय लैब और अन्य पैथोलॉजी जांचें शामिल हैं। नई दरों के कारण मरीजों की जेब पर भारी असर पड़ेगा।

पर्चे से लेकर अन्य सेवाओं के शुल्क में वृद्धि
अस्पताल में अब पर्चा बनाने के लिए भी 5 रुपये की जगह 20 रुपये का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अन्य सेवाओं जैसे डायलिसिस और एमआरआई की दरें भी बढ़ा दी गई हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा पैथोलॉजी जांचों को अपडेट करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
शासन के आदेश पर लागू हुई नई दरें
अस्पताल प्रबंधन ने नई दरों को सिस्टम में फीड करना शुरू कर दिया है, यह पूरी तरह लागू हो जाएगा। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने कहा, “शासन के निर्देश पर एसटीएच में CGHS के तहत शुल्क तय किया गया है और इसे लागू किया जा रहा है।”
मरीजों और आम जनता में असंतोष
इलाज और जांचों की दरों में इस अचानक हुई वृद्धि से मरीजों और उनके परिजनों में असंतोष है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह नया शुल्क एक बड़ी चुनौती बन सकता है। कई मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन और सरकार से अपील की है कि इन दरों को फिर से संशोधित किया जाए ताकि गरीब वर्ग पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन का कहना है कि यह कदम सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार और मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, यह देखना होगा कि बढ़े हुए शुल्क का असर अस्पताल की सेवाओं और मरीजों पर कैसा पड़ता है।
