राजस्व ग्राम की अधिसूचना के लिए अब पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी से लगाई गुहार
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लालकुआं। बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग को लेकर वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता के शिष्टमंडल ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी से सर्किट हाउस, काठगोदाम में मुलाकात की और सचिवालय स्तर पर इस मामले में तत्काल पहल करने की अपील की।
वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता के सचिव भुवन भट्ट के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि बिंदुखत्ता क्षेत्र की लगभग 80 हजार की आबादी लंबे समय से राजस्व ग्राम घोषित होने की प्रतीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत जिला स्तर पर दावा स्वीकृत होने और दो-दो मुख्यमंत्रियों द्वारा इसकी घोषणा किए जाने के बावजूद अधिसूचना जारी करने में विलंब हो रहा है।
संरक्षक बसंत पांडे ने बताया कि समय रहते अधिसूचना जारी होने से आगामी पंचायत चुनावों में बिंदुखत्ता के भी शामिल होने से बिंदुखत्तावासी भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाते।
सदस्य उमेश भट्ट ने कहा कि भारत सरकार के जनजाति मंत्रालय ने 12 नवंबर 2024 को उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने भी राजस्व सचिव को इस संबंध में निर्देशित किया है।
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संरक्षक मनोज बसनायत ने पूर्व मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि वन अधिकार अधिनियम के अनुसार जिलास्तरीय समिति का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है। जून 2024 में जिलास्तरीय समिति ने बिंदुखत्ता के राजस्व ग्राम के लिए अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद अधिसूचना जारी नहीं हो रही है।
संरक्षक पूरन बोरा ने कहा कि सचिवालय स्तर पर आंतरिक सहमति बन जाने और पत्रावली में कोई आपत्ति नहीं होने के बावजूद अधिसूचना जारी करने में देरी की जा रही है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि नागरिकों को उम्मीद थी कि यह प्रक्रिया दीपावली तक पूरी हो जाएगी, लेकिन सचिवालय स्तर पर हो रहे विलंब के कारण बिंदुखत्ता के हजारों परिवार अभी भी मूलभूत सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
शिष्टमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री से अपील की कि वे सरकार और संबंधित विभागों से जनहित में बिंदुखत्ता को शीघ्र राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु पहल करें। जिसमें सचिव भुवन भट्ट, सदस्य उमेश भट्ट, संरक्षक बसंत पांडे, मनोज बसनायत, पूरन बोरा शामिल रहे।
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